वर्ष 2012 बीत गया है आने वाला साल 2013 का स्वागत है। साधारण रूप मे कहा जा सकता है कि यह साल गुरु वक्री जो वृष राशि मे है में शुरु हो रहा है,शनि तुला राशि का है,राहु वृश्चिक राशि का और केतु वक्री गुरु के साथ अपने प्रभाव को साल भर देने वाला है। मंगल शुक्र सूर्य बुध मासिक रूप से अपने अपने फ़ल को वर्ष कुंडली के गोचर से अपने प्रभाव को देने वाले है,चन्द्रमा रोजाना का प्रभाव अपने अनुसार देगा। आपकी नाम राशि से वर्ष फ़ल का विवेचन किया गया है,स्थान देश जलवायु प्रकृति के अनुसार वर्षफ़ल में बदलाव देखना जरूरी होता है जैसे भारत मे रहने वाले व्यक्तियों के लिये अलग प्रकार का प्रकृति का कारण बनता है तो ब्रिटेन मे रहने वाले लोगो और अमेरिका चीन आस्ट्रेलिया आदि देशो मे रहने वाले लोगो के लिये अपनी अपनी प्रकृति के अनुसार अलग अलग वातावरण के अनुसार प्रभाव मिलता है,जन्म विवाह और रोग कार्य मृत्यु आदि जैसे कारण सभी के साथ एक जैसे होते है। सकल नाम एक ही राशि के होते है और सभी पर अपना अपना प्रभाव अपनी अपनी प्रकृति के अनुसार पडता है,जरूरी नही है कि म नाम का व्यक्ति प्रधानमंत्री है तो सभी म नाम के लोग प्रधान मंत्री ही बन जायेंगे लेकिन वे अपने अपने समाज अपने अपने परिवार अपनी अपनी शिक्षा और विवेक से मान्यता प्रधान मंत्री जैसी ही रखेंगे,यानी जिम्मेदारिया अधिक होंगी और बदले मे नाम भी मिल सकता है धन भी मिल सकता है कारण भी बन सकते है जैसे राजनीति मे उथल पुथल होती है वैसी ही उनके घर के जीवन मे पारिवारिक जीवन मे समाज के अनुसार भी यही कारण पैदा हो सकते है।
मेष राशि
मेष राशि की प्रकृति आदि के बारे मे कहा जाता है कि यह राशि शरीर बल के अनुसार ही अपने जीवन को बिताने मे विश्वास करती है किसी की सहायता लेकर यह राशि काम नही करती है अपने तकनीकी दिमाग का सहारा लेती है अपने अनुसार चाहे वह जीवित कारको मे अपने दिमाग को लगाकर डाक्टरी काम करने लगे अथवा भौतिक कारको मे अपने दिमाग को लगाकर इंजीनियर वाले काम करे,लेकिन वह जो भी काम करेगी वह शरीर हित के लिये ही किये जायेंगे। भोजन का प्रदान करना शरीर को रोगो से दूर रखना शरीर की रक्षा के लिये पुलिस अथवा सैनिक की नौकरी करना प्राइवेट सुरक्षा आदि के काम करना आदि इसी श्रेणी मे आते है। इस राशि का मालिक मंगल है। मंगल के गोचर के अनुसार इस राशि का फ़लकथन किया जाता है,राशि के मालिक मंगल के साथ कब क्या प्रभाव पडता है यह प्रभाव एक प्रकार से अलग अलग भावो के स्वामी और राशि के अनुसार ही राशि का मालिक मंगल अपनी प्रकृति को बनाता है और उसी प्रकार का कारण जीवन मे प्रकट करता है। इस साल वर्ष के आरम्भ मे मंगल का स्थान समय के पंचम भाव मे है और राशि का स्थान अष्टम स्थान में है। राशि का अष्टम मे होने का कारण जो जातक तकनीक मे विश्वास करते है उनके लिये एक प्रकार से प्रारम्भिक रूप से शिक्षा को ग्रहण करने का समय शुरु हो रहा है,अपनी बुद्धि को प्रयोग करने के लिये लोग अधिकतर सरकारी नीतियो और राजनीति से प्रेरित होना माना जा सकता है। इस मंगल के जो प्रभाव राशि के साथ मिलेंगे वह इस प्रकार से है :-
- इस राशि का स्थान अपमान के स्थान मे है इसलिये इस राशि का मंगल जो पंचम स्थान मे है वह प्रारम्भिक रूप से प्रयोग किये जाने वाले ज्ञान को प्रयोग करने के लिये अधिक मेहनत की जरूरत को इंगित करता है। किसी भी प्रकार से सरकारी या अर्धसरकारी कारणो से जल्दी से धन कमाने के लिये अगर रिस्क ली जाती है तो जरूरी है कि अपमान भी होना और कार्य का सफ़ल होना भी मुश्किल है।
- राजनीति किसी भी देश की हो या किसी भी प्रान्त आदि की हो इस राशि के काम करने वालो के लिये राजनीति प्रभाव इस साल प्रभावी रहेगा,इस राजनीति प्रभाव के कारण इस राशि के लोग अगर कोई गलत काम कर रहे है या किसी प्रकार से अपने को उन कार्यों मे लगाये है जो सामाजिक रूप से या कानून के रूप मे गलत माने जा सकते है तो जरूरी है कि उन्हे कट्रोल करने के लिये राजनीति अपनी सक्रिय भूमिका को प्रदान करेगी और मेष राशि वालो के लिये कोई न कोई जोखिम का कारण पैदा होता रहेगा। सम्भल कर चलने मे और अपने को गुप्त रूप से कार्य करने की नीति से बचाकर चलने मे ही फ़ायदा है।
- इस राशि वालो के लिये केतु का स्थान भाग्य स्थान मे है और इस राशि वाले अगर चाहते है कि वे भाग्य से धन को प्राप्त कर ले तो उनकी भूल होगी कारण जैसे ही वे भाग्य की धारणा से धन को कमाने की कोशिश करेंगे उनके लिये धन का स्थान केतु बजाय भरने के खाली करने लगेगा। अगर वे धर्म स्थानो पर जाते है तो उन्हे एक प्रकार से सन्तुष्टि नही मिल पायेगी और वे बजाय धार्मिक भावना को प्राप्त करने के केवल मौज मस्ती की यात्रा तक ही सीमित रह पायेंगे।
- गुरु वक्री होकर रिस्तो के लिये केतु का साथ ले रहा है विवाहित लोगो केलिये अपने को सम्भाल कर चलने की जरूरत है कारण जीवन साथी की धारणा मे अचानक विजातीय या गुप्त रिस्ते बनने की बात का कारण बनता रहेगा,जो उनकी सामाजिक पारिवारिक और धार्मिक मार्यादा का हनन करेगा,इस कारण से बचने के लिये बेकार के कमन्यूक्शन और अपने प्रकार से जो भी गुप्त रिस्ते है उनसे दूर रहने की बात से ही भलाई हो सकती है। वैसे भी समय की कुंडली मे केतु और गुरु वक्री न्याय भाव मे है जो घर की मर्यादा हीन आदतो से अलगाव के कारण पैदा कर रहे है,चाहे वह कानूनी रूप से तलाक आदि के कारण बनते हो या अधिकतर बाहर रहने के कारण बन रहे हो,इन कारणो मे समय का पंचम मंगल अपनी युति से पारिवारिक जीवन को क्रूर रूप से देख रहा है इसके अलावा जो भी अपने अपने लोग है वे किसी न किसी प्रकार से पारिवारिक कारणो से दूर चलने के कारण मिलने जुलने मे अपनी सहायता आदि देने मे दूर हो रहे है।
- न्याय के कारण सरकारी रूप से धन की वसूली कानूनी रूप मे अधिक खर्च करना घर मकान रहने के स्थान आदि के लिये सरकारी रूप से चुकाने वाले धन का कारण बनना खुद के द्वारा विदेशी साज सज्जा वाले कारणो को प्रयोग मे करने से अधिक धन का खर्च होना आदि भी धन को फ़्रीज करने के लिये माने जाते है।
- शनि का इस राशि से सप्तम मे होना भी एक प्रकार से काम की बाधा को देना किसी भी काम के लिये बेलेन्स करने के कारणो का फ़्रीज हो जाना जीवन साथी और साझेदारी के मामले मे अनबन होना या काम करते करते चुप हो जाना भी धन को रोकने के कारण माने जाते है। इन कारणो से न्याय के लिये भटकाव,वकील और धन से सम्बन्धित वसूली करने वाले बैंक आदि का प्रभाव भी हानि देने के लिये अपनी प्रभाव वाली नीति को पैदा करने वाला है।
- राहु अचानक पहिनावे और खुद की हिम्मत वाली नीति को समाप्त करने की अपनी कोशिश करेगा साथ ही परिवार मे छोटे भाई बहिन आदि के लिये यह राहु रिस्ते को तोडने के लिये आपसी लडाई झगडा करवाने के लिये और अचानक छोटे भाई बहिनो के प्रति मृत्यु जैसे कारण पैदा करने के लिये अपनी पूरी कोशिश करेगा। इन कोशिशो मे रिस्क लेते समय दिमाग का भटकना और इन्फ़ेक्सन जैसे रोगो का होना भी माना जा सकता है। शुक्र के साथ होने से अगर स्त्री जातक है तो जननांग वाली बीमारियों का प्रकोप भी शामिल हो सकता है और पुरुष है तो अधिक लोगो से यौन सम्बन्ध स्थापित करने से भयंकर बीमारियों को पाल लेना भी माना जाता है।
- नवा बुध घर परिवार वाहन व्यापार के स्थान आदि के लिये अपने प्रभाव से कानूनी प्रक्रिया मे ले जायेगा और इन्ही प्रक्रियाओं मे अधिक खर्च करना आदि बाते शामिल होंगी।
- नवा सूर्य राजकीय प्रताणना देने के लिये जो लोग अविवाहित है वे खुद के पिता आदि की अहम वाली प्रक्रिया से नौकरी आदि के लिये जो लोग प्रयास कर रहे है वे जस्टिस सर्विस मे या उच्च राजकीय सेवा के प्रयास के लिये अपने को लगाये रहेंगे। सूर्य के साथ बुध होने से परीक्षा आदि मे सफ़लता तभी निश्चित है जब खुद का सूर्य पंचम या लगन से वर्षफ़ल के सूर्य से अपनी युति बना रहा हो और शनि के द्वारा वर्षफ़ल के शनि को षडाष्टक योग से काट रहा हो।
- चौथा चन्द्रमा राहु शुक्र से अपनी युति को प्राप्त कर रहा है इस युति से साइबर क्राइम के प्रति विदेश जाने और वहां से अनैतिक काम करने के प्रति धन की अधिक से अधिक प्राप्ति के लिये अपनी धारणा को कायम रखने के लिये खुद के द्वारा अर्जित नाम और धन को बरबाद करने के लिये मानी जा सकती है।
- जो लोग अपने जन्म स्थान से दक्षिण पश्चिम दिशा मे निवास कर रहे है उन्हे अपने को अचानक होने वाले हादसो से बचाव करने के बाद जीवन को चलाना जरूरी है उनके सामने अचानक वाहन सम्बन्धित पानी आदि के प्रकोप से अचानक होने वाली हलचल से जान जोखिम का खतरा माना जा सकता है.
- जो लोग बिल्डिंग निर्माण आदि का काम कर रहे है उन्हे अपनी निर्माण सामग्री मे सीमेंट आदि की परख करने के बाद ही इस काम को करना चाहिये कारण कमजोर सीमेन्ट आदि से अचानक गिरने या नक्से आदि के बदलाव मे अचानक परिवर्तन होने से कमजोर निर्माण का होना माना जाता है इसके कारण धन हानि या जन हानि का प्रभाव भी सामने आ सकता है।
- लम्बी यात्रा वाले कारणो मे इन्फ़ेक्सन का होना अचानक किसी राजकीय परिवर्तन के कारण यात्रा आदि के नियम बदलना यात्रा मे चीटिंग होना भी माना जा सकता है इसलिये सुरक्षा के लिये अपने परिपत्र आदि साथ लेकर चलना धन आदि को साथ लेकर नही चलना भी सहायता के लिये माना जा सकता है।